1
सत्ता
का कोई संस्कार
नहीं,
सरकारी है, पर सरकार नहीं I
अधिकारी है, अधिकार नहीं
गुनहगारी है, गिरफ्तार नहीं II
‘नेतृत्व’ है, पर नेता नहीं,
व्यक्तित्व है, विजेता नहीं I
संयम-संघर्ष है, न्याय नहीं,
आलोचना का अध्याय नहीं II
‘गठबंधन’ में बंधन नहीं,
‘हार’ में कोई मंथन नहीं I
‘जीत’ में कोई नंदन नहीं,
‘मेल’ में कोई चिंतन नहीं II
सरकारी है, पर सरकार नहीं I
अधिकारी है, अधिकार नहीं
गुनहगारी है, गिरफ्तार नहीं II
‘नेतृत्व’ है, पर नेता नहीं,
व्यक्तित्व है, विजेता नहीं I
संयम-संघर्ष है, न्याय नहीं,
आलोचना का अध्याय नहीं II
‘गठबंधन’ में बंधन नहीं,
‘हार’ में कोई मंथन नहीं I
‘जीत’ में कोई नंदन नहीं,
‘मेल’ में कोई चिंतन नहीं II
'दादा'
है तो, 'दीदी'
नहीं,
'जोशी' है तो, 'मोदी' नहीं I
'मुलायम' में 'ममता' नहीं,
'संगठन' में क्षमता नहीं II
'जोशी' है तो, 'मोदी' नहीं I
'मुलायम' में 'ममता' नहीं,
'संगठन' में क्षमता नहीं II
घोषणा
है, उद्घोष नहीं,
विरोध है, पर रोष नहीं I
सियासत में जोश नहीं ,
संकट है, पर होश नहीं II
विरोध है, पर रोष नहीं I
सियासत में जोश नहीं ,
संकट है, पर होश नहीं II
2
राजनीति
है, नीति नहीं,
पद्धति है, संहिति नहीं I
मनोगति है, अनुमति नहीं,
स्वीकृति है, सम्मति नहीं II
वादा है, इरादा नहीं,
प्यादा है, मर्यादा नहीं I
मसला है, मसूदा नहीं,
खानदानी है, बेहूदा नहीं II
पद्धति है, संहिति नहीं I
मनोगति है, अनुमति नहीं,
स्वीकृति है, सम्मति नहीं II
वादा है, इरादा नहीं,
प्यादा है, मर्यादा नहीं I
मसला है, मसूदा नहीं,
खानदानी है, बेहूदा नहीं II
‘पद’
है, पर
प्रतिष्ठा
नहीं,
सेवाभाव की निष्ठा नहीं I
उम्मीदवार है, 'उम्मीद' नहीं,
उस्ताद है, मुरीद नहीं II
सेवाभाव की निष्ठा नहीं I
उम्मीदवार है, 'उम्मीद' नहीं,
उस्ताद है, मुरीद नहीं II
चुनाव
है, कोई वोट नहीं,
'भाभी' है, कोई खोट नहीं, I
मजबूरी का विकल्प नहीं,
घटक दल का प्रकल्प नहीं II
'भाभी' है, कोई खोट नहीं, I
मजबूरी का विकल्प नहीं,
घटक दल का प्रकल्प नहीं II
‘पार्टी’
है,
पर ऐलान
नहीं ,
‘आलाकमान’ है, बयान नहीं I
बयान है तो, बहस नहीं,
बहस है तो, सहज नहीं II
विमर्श में कोई दक्ष नहीं,
विवाद के कोई समक्ष नहीं I
‘विपक्ष’ का कोई पक्ष नहीं,
'लालू' का कोई समकक्ष नहीं II
‘आलाकमान’ है, बयान नहीं I
बयान है तो, बहस नहीं,
बहस है तो, सहज नहीं II
विमर्श में कोई दक्ष नहीं,
विवाद के कोई समक्ष नहीं I
‘विपक्ष’ का कोई पक्ष नहीं,
'लालू' का कोई समकक्ष नहीं II
3
‘समर्थक’
है, समर्थन
नहीं,
निरीक्षक है, निरीक्षण नहीं I
सूबेदार है, शासन नहीं,
कोटेदार है, राशन नहीं II
निरीक्षक है, निरीक्षण नहीं I
सूबेदार है, शासन नहीं,
कोटेदार है, राशन नहीं II
प्रक्रिया
है, प्रावधान नहीं,
समस्या है, समाधान नहीं I
अपील है, अनुमोदन नहीं ,
मतभेद है, विमोचन नहीं II
‘अभियान’ में संवेदना नहीं
विचार में संचेतना नहीं I
'कमीशन' है, योजना नहीं,
संयोजक है, उत्तेजना नहीं II
समस्या है, समाधान नहीं I
अपील है, अनुमोदन नहीं ,
मतभेद है, विमोचन नहीं II
‘अभियान’ में संवेदना नहीं
विचार में संचेतना नहीं I
'कमीशन' है, योजना नहीं,
संयोजक है, उत्तेजना नहीं II
‘समिति’
है, सम्भावना नहीं,
‘आयोग’ है, प्रस्तावना नहीं I
भूमिका है, भावना नहीं,
संतोष है, सांत्वना नहीं II
‘आयोग’ है, प्रस्तावना नहीं I
भूमिका है, भावना नहीं,
संतोष है, सांत्वना नहीं II
4
विकास
है, पुनर्वास नहीं
प्रवास है, आवास नहीं I
विभाग है, अनुभाग नहीं,
सम्मलेन है, संभाग नहीं II
प्रवास है, आवास नहीं I
विभाग है, अनुभाग नहीं,
सम्मलेन है, संभाग नहीं II
‘प्रगति’
है, पर रोजगार
नहीं,
आधों का, कोई समाचार नहीं I
मौलिकता पर विचार नहीं,
भौगौलिकता का आधार नहीं II
आधों का, कोई समाचार नहीं I
मौलिकता पर विचार नहीं,
भौगौलिकता का आधार नहीं II
अधिनियम
है, आदेश नहीं,
समन्वय है, समावेश नहीं I
विरोध है, पर प्रबोध नहीं,
जुगाड़ है, पर शोध नहीं II
समन्वय है, समावेश नहीं I
विरोध है, पर प्रबोध नहीं,
जुगाड़ है, पर शोध नहीं II
उदारवाद में उदारता नहीं,
समाजवाद में समानता नहीं I
सिद्ध्यांत में संज्ञान नहीं,
विधान में सम्मान नहीं II
5
कलह है, पर क्लेश नहीं,
दर्द है, पर विशेष नहीं I
हाथ मिले तो दिल नहीं,
आन्दोलन है, बिल नहीं II
बगावत में खिलाफत नहीं,
आफत में शिकायत नहीं I
जरुरत है, जायज नहीं,
शोर है, कवायद नहीं II
बैठक
है, मुलाक़ात नहीं,
मुलाक़ात में बात नहीं I
निर्णय लेने का निर्णय नहीं,
बदलाव का निश्चय नहीं II
अभियान में अभिवादन नहीं
आश्वासन का समापन नहीं I
विज्ञापन में ज्ञापन नहीं
सीमाओं में यापन नहीं II
मुलाक़ात में बात नहीं I
निर्णय लेने का निर्णय नहीं,
बदलाव का निश्चय नहीं II
अभियान में अभिवादन नहीं
आश्वासन का समापन नहीं I
विज्ञापन में ज्ञापन नहीं
सीमाओं में यापन नहीं II
निर्पेक्ष्यता
की परिभाषा नहीं,
समता की अभिलाषा नहीं I
समालोचना की संजीदगी नहीं,
शिथिलता में भी शर्मिंदगी नहीं II
समता की अभिलाषा नहीं I
समालोचना की संजीदगी नहीं,
शिथिलता में भी शर्मिंदगी नहीं II
अंतरिम
है, अहम् नहीं,
अंतिम है, वहम नहीं I
अलगाव में रहम नहीं,
सद्भाव में मरहम नहीं II
अंतिम है, वहम नहीं I
अलगाव में रहम नहीं,
सद्भाव में मरहम नहीं II
6
मैं एक युवा हूँ, मेरी आत्मा क्षुब्ध है,
मैं हैरान हूँ, परन्तु सोच प्रबुद्ध है I
अंतर्मन में एक अनोखा अनुबोध है
मंजर बदलने का सच्चा सुबोध है II
युवा चेतना का आभाष है,
आंधी है, आवेग है, प्रभाष है I
परिवर्त्तन को खौलता खून है
राष्ट्र-निर्माण का जूनून है II
अर्थ क्या, सामर्थ्य क्या,
स्थायित्व क्या, सुरक्षा क्या I
कैसा हित, किसका हित,
जनहित, केवल जनहित II
--------------कौशल किशोर विद्यार्थी
3 comments:
WOW! nice one!!!
loved it kaushal bhaiya!
देश और समाज जी रहा है ऐसे ही
अपनी धारा से अपनी गति से
कौन चला रहा है इसे
किस किस को है अपने लिए
गलतफहमी।
कोई आता है सामने
पर नहीं समाधान
क्यों क्योंकि
नहीं मन साफ़
आये कोई कौशल जैसा
झकझोर कर रख दे
खोल दे दरवाजे और खिड़कियां
आजाये रोशनी और खुशबूदार हवा
महक उठे देश
की आबोहवा
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