Monday, May 07, 2007

आराम करो

करना ही है तो कुछ आराम करो
क्या रखा है जग में जो नाम करो

सुट्टे से सुबह तो दारु से शाम करो
मौज में कसर नहीं मस्तियाँ तमाम करो
बनना हो मोटा तो हर बारात हराम करो
सोचना ना कभी, हर गली बदनाम करो
पाँव भारी करके सही, खुशियों का इंतजाम करो

करना ही है तो कुछ आराम करो
क्या रखा है जग में जो नाम करो

कलियों को कलाम तो, बालाओं को सलाम करो
रोते को ढ़ेर सारी गाली तो, हसते को प्रणाम करो
भूलकर सबकुछ, अपनी अर्जी नीलाम करो
ज्यादा हो परेशानी तो संग्राम करो
जो भी करना हो, सड़ेआम करो

करना ही है तो कुछ आराम करो
क्या रखा है जग में जो नाम करो

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