करना ही है तो कुछ आराम करो
क्या रखा है जग में जो नाम करो
सुट्टे से सुबह तो दारु से शाम करो
मौज में कसर नहीं मस्तियाँ तमाम करो
बनना हो मोटा तो हर बारात हराम करो
सोचना ना कभी, हर गली बदनाम करो
पाँव भारी करके सही, खुशियों का इंतजाम करो
करना ही है तो कुछ आराम करो
क्या रखा है जग में जो नाम करो
कलियों को कलाम तो, बालाओं को सलाम करो
रोते को ढ़ेर सारी गाली तो, हसते को प्रणाम करो
भूलकर सबकुछ, अपनी अर्जी नीलाम करो
ज्यादा हो परेशानी तो संग्राम करो
जो भी करना हो, सड़ेआम करो
करना ही है तो कुछ आराम करो
क्या रखा है जग में जो नाम करो
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